आधुनिक प्रेम ....
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
मतलब के मिले दोस्त मगर यार खो गया ....
क्यूँ कहने लगे प्यार हम इस लेन देन को ,
झूठी अकड़ में काहे खोया दिल के चैन को
अपनत्व जाने कैसे पीठ मोड़ सो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
कैसी ये घड़ी आई , सब नवीनता गई ,
आडम्बरों से घिर , सारी सहजता गई ,
पुनरुक्तियों की वेदी पर निजत्व खो गया
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
अपने ही हाथ पाँव काट क्षुद्रता चुनी ,
शालीनता को त्याग, अभद्रता गुनी ,
विराट से विमुख ह्रदय विदीर्ण हो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
तुझसे भी करूं बात शब्द तोल तोल के ,
अश्रद्धा विष का पान करूं घोल घोल के ,
मेरे राम हाथ थाम अब बोहोत हो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
मतलब के मिले दोस्त मगर यार खो गया ....
क्यूँ कहने लगे प्यार हम इस लेन देन को ,
झूठी अकड़ में काहे खोया दिल के चैन को
अपनत्व जाने कैसे पीठ मोड़ सो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
कैसी ये घड़ी आई , सब नवीनता गई ,
आडम्बरों से घिर , सारी सहजता गई ,
पुनरुक्तियों की वेदी पर निजत्व खो गया
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
अपने ही हाथ पाँव काट क्षुद्रता चुनी ,
शालीनता को त्याग, अभद्रता गुनी ,
विराट से विमुख ह्रदय विदीर्ण हो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,
तुझसे भी करूं बात शब्द तोल तोल के ,
अश्रद्धा विष का पान करूं घोल घोल के ,
मेरे राम हाथ थाम अब बोहोत हो गया ,
प्यार के इस शोर में बस प्यार खो गया ,